भविष्य निर्माण
हर विधियार्थी दसवी बारवी के बाद अपने करियर ( Career ) के लिए अतियंत चिंतित रहता हे , और उसका द्रष्टि कोण भी भ्रमात्मक होता हे . और जानकारी के आभाव में उसमे कम समय में जयादा पाने की भी इच्छा रहती हे , साथ ही अपने पारिवारिक और सामाजिक परिवेश के कारण उसमे कुछ अलग और बड़ा करने की इच्छा रहती हे . इसी विचारधारा के आधार पर वह बिना जाने बिना सोचे समझे निर्थक प्रयास करता रहता हे जो कभी सफल नहीं होते . इसी कारण उस में निराशा जन्म लेती हे और वह हतोत्साहित हो जाता हे , और अपनी गलतियों और असफलता का जिम्मेदार दुसरो को ठहरता हे . इसी कारण वह सरल और गलत तरीको से जल्दी पैसा कमाने का सोचता हे या प्रयास करता हे , जिस के भविष्य में बुरे परिणाम होते हे . जबकि इन सब समस्यों का समाधान आपकी सोच और नजरिये में हे , और सारी परेशानियों का समाधान आपके पास या आप के कार्य स्थान में उपलब्ध हे , बस जरुरत होती हे उसे ठीक से देखने की और शांत मन से सोचने की इस के सरल उपाय हे जो में आप के सामने रख रहा हु |
1 सबसे पहले आप अपने मन की सुने फिर अपने गुरुओ की सुने और उनकी सलाह ले , फिर आप सोचे की आप क्या करना चाहते . और यही काम कियो करना चाहते हे , फिर उसके बारे में अपने माता पिता को बताये उनकी सलाह ले . यदि उनका जवाब नकारात्मक भी होतो उनके नजरिये से भी सोचे और सोच समाझ कर बीच रास्ता निकाले फिर अपनी नोकरी और काम को चुने |
2 फिर आप सबसे पहले उन लोगो और दोस्तों को त्याग दे , जो आप को नकारात्मक सलाह देते हे या कई सारी सलाह देते हे और आप को भटकते हे . जीवन में एक बात हमेशा ध्यान में रखो एक समय में एक ही काम करो , और जबतक एक काम का पूरा अनुभव न हो तब तक दूसरा काम मत करो |
3 हमेशा जीवन में शिक्षित और सकारात्मक लोगो को अपना मित्र बनाओ , उनकी सलाह ले उन से प्रेरणा ले और उनकी गलतियों से सीखे और उनकी खूबियों को जाने और उनका अनुसरण करे |
4 फिर अपनी खूबियों और खामियों को जाने और अपनी सीमओं को पहचाने और उसके बहार जाकर काम न करे . बल्कि उसको धीरे धीरे बडाये अपने आप को हमेशा अपडेट रखे , सभी विषयो की जानकारी रखे भले उनका सम्बन्ध आप के काम से न हो |
5 फिर अपनी शिक्षा और अनुभव को जाने समझे उस में क्या अवसर हे . उन को पहचाने उनके अनुसार कार्य करे |
6 और हमेशा एक बात का ध्यान रखे समाज और लोगो में धारणा होती की कठिन काम लोगो को जयादा आकर्षित करता हे . और वो उसको ही श्रेष्ठ मानते इस आधार पर अपने काम नोकरी और पेशे का चयन न करे
हमें बस इस बात का ध्यान रखना की हमारी आवशकता क्या हे , और हम क्या कर सकते हे . और हम किस पेशे में अपना सुखी जीवन यापन कर सकते , समाज लोग क्या सोच ते इस पर ध्यान न दे . हम सब को खुश नहीं कर सकते |
7 ये बात हमेशा ध्यान रखे की एक समान्य शिक्षा पूरी होने के बाद बड़ी डिग्री ( Degree ) और बड़े कालेज (College ) से डिग्री ( Degree ) या कोर्स ( Cross ) करने के चक्कर से बचे . इस बात का हमेशा ध्यान रखे की सेधान्तिक शिक्षा की अपेक्षा रोजगारवादी शिक्षा ज्यादा बेहतर हे , जिस से आप को काम मिल सके फिर चाहे वो डिप्लोमा ( Diploma ) हो . जिस शिक्षा से हम को रोजगार मिले और जिस में कम का प्रत्यक्ष अनुभव हो वाही शिक्षा सार्थक हे मित्रो |
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