भविष्य प्रबंधन - career management kaise manage kare
जब भी कोई विधियार्थी अपनी समान्य शिक्षा पूरी कर, अपना काम या नोकरी शुरू करता हे तो, उसके सामने सबसे पहली समस्या अति हे, अपने काम में तररकी पाने और उसे बढाने की होती हे. हर व्यक्ति यही सोचता हे की अपने काम को केसे बढाये, और अपनी सामजिक और पारिवारिक, सवयं के और कार्य जीवन को केसे संतुलित करे | साथ ही साथ व्यक्ति जीवन शेली और खान पान भी बदल जाता हे, जिसका प्रभाव उसके सवास्थ और कार्य क्षेत्र पर भी पड़ता हे . यहाँ पर सोचने वाली बात यहाँ हे की ? इन सब बातों का ध्यान रखे बिना हम अपने कम में तररकी नहीं पा सकते. इस के लिए जरुरी हे भविष्य प्रबंधन.
इस के कुछ सरल उपाय हे जो में आप के सामने रखता हु |
1 सबसे पहले अपने लक्ष्य को निर्धारित करे ये देखे की आप में कितनी क्षमता हे, और आप दिए हुआ काम को बेहतर तरीके से कितने समय में पूरा कर सकते हे, बस उसी पर ध्यान दे. उस काम को कम या जयादा समय में पूरा करने की कोशिश न करे |
2 फिर अपनी क्षमताओ का अध्यन करे स्वयं भी और आप को दिए हुआ काम से भी, उस में देखे की अपने कितनी गलतिय की हे. और किस स्तर का काम किया हे |
3 विभिन्न माधियम से जानकारी प्राप्त कर अपने ज्ञान और क्षमताओ का विकास और विस्तार करे. धीरे धीरे अपने कार्य क्षेत्र में सफलता पूर्वक उसका उपयोग करे. तथा गलतिय कम से कम करे और काम समय पर पूरा करे |
4 अपनी गलतियों की जिम्मेदारी सवयं ले, और उसे सुधारे तथा ऐसी गलतिय जिनके लिए आप जिमेम्दार नहीं उन के लिए साफ माना कर दे, और साथ ही गलतियों के कारण को भी बया करे, ऐसे में किसी भी आभाव या प्रभाव के कारण चुप न रहे. कुछ गलतिय ऐसी होती हे जो काम में ही होती हे कियोकी कई संस्थाओ काम की शेली और तरीके भिन्न होते हे, काम के व्यवहारिक तरीके भी भिन्न होते हे, जो आप को शिक्षा अध्यन के समय नहीं सिखाये जाते. ऐसे काम को आप काम करके ही सीखते हे इसी को अनुभव कहते हे. इस प्रकार की गलतियों के लिए आप दोषी नहीं हे, कियोकी हर संस्था में एक नया तरीका होता हे | 5 अपने कार्य क्षेत्र में सबसे आच्छे सम्बन्ध रखे, किन जयादा बात न करे और अपने निजी परेशनियो और बातों को सब से साझा न करे. साथ ही अपने कार्य क्षेत्र में किसी और की बात को इधर उधर न करे |
6 पारिवारिक जीवन को सुखी रखने के लिए अपनी क्षमता से जयादा काम न करे, जितना आप का काम हे और जितना आप को वेतन मिलता हे, उतना ही काम करे. अपने मालिक या किसी से आगे निकलने के लिए काम ना करे |
7 सामाजिक जीवन को सुखी रखने के लिए अपने फालतू के मित्रो को छोड़ दे, जो केवल मोज मस्ती में खुश हे, वो केवल आप को भटकते हे, आप का समय नष्ट करते हे. जो आप के सच्चे मित्र हे सहयोगी हे जिन से आप को मानसिक सुख शांति मिलती हे कुछ सिखने को मिलता हे, जो आप के बुरे वक्त में आप के साथ खड़े हे, उन्ही से ही सम्बंद और दोस्ती रखे. और एक समय निश्चित कर उसी समय पर मिले ताकि आप दोनों के पास समय हो तथा आप दोनो को किसी प्रकार की दिक्कत न हो |
8 स्वयं को सुखी रखने के लिए कुछ देर समय एकांत में गुजरे, योग और ध्यान का भी सहारा ले, जिस से आप भी सवास्थ और सुखी रहेगे, और आप का परिवार भी. और आप अपने सरे काम सफलता पूर्वक कर पाए गे. अच्छा साहित्य और प्रेरणादायक पुस्तके पड़े. जिस से आप के अन्दर सकारात्मक उर्जा का संचार होगा. और आप की कई उलझनों का भी जवाब मिल जायेगा. और मुस्किल रहो पर केसे चलते हे तथा, कठिन समय में केसे निर्णय लेना हे, ये क्षमता भी आप के अन्दर खुदबखुद आजायेगी. आप में अच्छी न्रेतत्व क्षमता का विस्तार होगा | इन सब बातों का अमल कर हम कुशल उधमी और कर्मचारी बन सकते हे. और अपने भविष्य को निखार कर, उचाईयो पर लेजा सकते हे |