GST की कठिनाइयाँ और चुनोतीयाँ

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नमस्कार दोस्तों पिछले पोस्ट में हमने GST क्या है और GST के क्या लाभ है उसके ऊपर बताया था इस पोस्ट में हम GST  की जटिलता, चुनोतियाँ के ऊपर बात करेंगे।  GST  के लागु होने में क्या क्या परेशानी हो हो रही है इस पोस्ट में बताएँगे चलिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े।

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GST  की कठिनाइयाँ  /चुनौतियां 

(Goods and Service Tax ) “वस्तु एवं सेवा कर” लागू तो हो चूका है। पर इसके सफलता पूर्वक संचालन में अभी कई कठिनाइयाँ है, और इसका प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था और समाज पर माध्यम अवधि के लिए जरुर पड़ेगा | जेसा की जब तक पंजीयन प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती और पूर्व के करो का भुगतान एवं रिफंड (refund), और पूर्व से लंबित विवादों का निपटारा नहीं हो जाता | व्यवसाय करने में थोड़ी परेशानी तो होगी और कुछ हद तक महंगाई भी बड़ेगी | और सरकार के सामने भी कई चुनोतिया हे |

जैसे कई सार्थक और भ्रम फेलाने वाले विवादों और विरोधो का निपटारा करना होगा | (G.S.T.) से सम्बंधित जानकारी को लोगो तक जल्दी और सरल रूप में पहुचना होगा | और आधुनिक कर प्रणाली विस्तृत और सक्रीय करना होगा | करो से प्राप्त आय का बटवारा केंद और राज्य सरकारों में बिना राजस्व का नुकसान किये करना होगा | और कर की दर को भी स्थिर रखना होगा | फिर जिन वस्तुओ को राज्यों के विरोध के कारण (G.S.T.) से बाहर रखा गया हे, उन को कर की सीमा में लाना होगा. और जिन वस्तुओ पर अभी कर की दर ज्यादा है। या कर की सीमा से हटाना हे, ये संशोधन जल्दी करना होगे और सार्थक रूप से करना होगे | 

हलाकि कुछ संशोधन सरकार कर चुकी | जैसे की पेट्रोल , नेचरल गैस , इलेक्ट्रीसिटी, को कानून बना कर टेक्स के दायरे में रखा हे | पर राज्यों के विरोध के कारण कर नहीं लगाया हे | जब राज्यों की सहमती होगी तो G.S.T में शामिल कर लिया जायेगा, इसके लिए अलग से कानून बने की आवश्कता नहीं होगी | इन के शामिल होते ही महंगाई में बहुत हद तक कमी आएगी. और व्यापार भी तेजी से वृधि करेगा | किन्तु अभी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनोती यहाँ है।  

भारत एक कृषि प्रधान देश हे, और लोग भी ज्यादा शिकक्षित नहीं हे, और सारे व्यापारिक लेनदेन बिना लेखांकन के होते हे | जिनका कोई विवरण और प्रमाण भी नहीं होता | हमारे देश की आबादी अधिक होने के बाद भी करदाताओ की संख्या हमारे देश की आबादी का 1% भी नहीं हे | और हमारे देश में एक व्यक्ति एक से जयादा व्यवसाय करता हे या व्यवसाय और नोकरी दोनों करता हे | ऐसे में कर और कर की दर सुनिश्चित करना एक जटिल कार्य हे, इसका भी उचित समाधान करना होगा | सरकार एक सबसे बड़ी चुनोती रियल स्टेट (Real State) को G.S.T के अंतर्गत लाना हे कियो सब से जयादा कालाधन रियल स्टेट (Real State) में ही हे |

इसके G.S.T के दायरे में आने से आयकर (Income Tax) बढेगा और सरकार के सस्ते घर बनाने की योजना को भी फायदा होगा | हलाकि G.S.T में क्रय विक्रय दोनों दोनों का विवरण देने का प्रावधान हे | जिससे भी आयकर का (Income Tax) दायरा बढेगा, और सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी | कियोकी इससे शुद्ध आय का पता लगाना आसान होता हे और लाभ के प्रतिशत का भी सही मूल्यांकन होगा | अगर सरकार इन सब जटिलता का समाधान कर लेती हे तो | G.S.T एक सार्थक और लाभप्रद कर सुधार होगा |

उम्मीद है है आपको GST  की कठिनाइयाँ / चुनोतियाँ  के बारे में अच्छे  जानकारी मिली है। यदि आपको भी सुझाव या कोई प्रसन है तो निचे कमेंट करे और इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। ध्न्यवाद।