🌟आकाश मिसाइल पूर्णत: स्वादेसी तकनीक से भारत में निर्मित मिसाइल हे। माध्यम दुरी तक सतह से हवा में मर करने वाली मिसाइल हे। इसकी मारक क्षमता जमीन से जमीन पर 30 किलोमीटर हे और जमीन से हवा में 18 किलोमीटर तक मार कर सकती हे। इसमें लड़ाकू विमान क्रूज मिसाइल बेलिस्तिक मिसाइल टेंक को नष्ट करने की क्षमता हे।
इसका निर्माण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, आयुध कारखाना बोर्ड, भारत डायनेमिक्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, ने मिलकर किया हे |
यह मिसाइल थल सेना और वायु सेना में परिचालन सेवा में हे | यह मिसाइल एक साथ 64 लक्ष्य को ट्रेक कर उनमे से 12 में हमला कर सकती हे | इस में 60 किलोग्राम विस्फ़ोटक ले जाया जा सकता हे | इसका वजन 720 किलो हे 228 इंच इसकी लम्बाई हे तथा व्यास 14 इंच हे | इसका उत्पादन 2009 किया गया था |
वर्तमान में भारत के पास 3000 मिसाइल निर्मित कर चूका हे इसकी गति 2.5 मेक हे | मई 2015 में इसे थल सेना और वायु सेना में शामिल किया गया | एक मिसाइल की लागल 1000 करोड़ हे तथा इस परियोजना की लागत 23300 करोड़ हे | जो अन्य देशो के मुकबले इस तकनीक की मिसाइल प्रणाली विकसित करने से 10 गुना कम हे | इस में उन्नत किस्म का 3डी राडार सिस्टम लगा हे जो हमले के पूर्व ही उसकी सुचना दे देता हे | और 150 किलोमीटर की दुरी से ही लक्ष्य की ट्रेकिंग शुरू कर देता हे |
आकाश मिसाइल में विभिन्न वाहनों के बीच संचार वायरलेस वायर्ड लिकं का एक समायोजन होता हे | पुरे सिस्टम को तेजी स्थापित करने के लिए डिजाईन किया गया हे | आकाश प्रणाली को रेल सड़क वायु तीनो माध्यम से तेनात किया जा सकता हे |
आकाश प्रणाली के सारे परिक्षण चांदीपुर ओडिशा में किये गए | 1990 से 2007 तक सारे 6 परिक्षण आकाश प्रणाली ने सफलतापूर्वक पूर्ण किये | भारतीय वायु सेना ने ग्वालियर महाराजपुर, जलपाईगूडी हिसिमारा, तेजपुर जोरहाट, पुणे लोहेगांव, पर अपने अड्डो पर आकाश मिसाइल को तेनात कर रखा हे | था थल सेना ने जुलाई 2015 आकाश मिसाइल की एक पूरी रेजिमेंट अपने अड्डे पर तेनात कर रखी हे |
2016 अंत में दूसरा रेजिमेंट तेनात करने की योजना हे | 2017 अंत तक सेना को 2 और रेजिमेंट मिलना हे | भारतीय वायु सेना में आकाश मिसाइल के 8 स्कवाडन हे | और 7 स्क्वाडन आर्डर पर हे |
एक स्क्वाडन में 48 से 125 मिसाइल होती हे | थल सेना में एक रेजिमेंट हे तथा एक ऑर्डर पर हे | एक रेजिमेंट में 6 स्क्वाडन के बराबर मिसाइल हे | एक रिपोर्ट के मुताबिक थाईलेंड, मलेशिया, बेलारूस, ने भी वियतनाम ने भी इसकी मारक क्षमता को देखते हुए इसको खरीदने में रूचि दिखाई हे |
2010 में इसके दुसरे संस्करण का कार्य चालू हे जिसकी मारक क्षमता जमीन से जमीन तक 35 किलोमीटर जमीन से हवा में 22 किलोमीटर तक होगी | भारत में आकाश और ब्राहमोस जेसी विश्व स्तर की मिसाइल निर्मित कर शास्त्र निर्माण के क्षेत्र में नई शक्ति बनकर उभरा हे। ⛄