तुलसीदास [Tulsidas biography in hindi]

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जीवन परिचय (तुलसीदास )

जन्म:- तुलसीदास का जन्म सन्
1532 में बाँदा जिले के राजापुर गाँव में हुआ था | कुछ विद्वान उनका जन्म स्थान
सोरों को भी मानते हैं | तुलसीदास का बचपन घोर गरीबी में बिता | बचपन में ही उनके माता–पिता बिछोह हो गये थे और भिक्षाटन व्दारा वे अपने जीवन-यापन कररने को विवास हुए | कहते है गुरु नरहरिदास की कृपा से उन्हें राम-भक्ति का मार्ग मिला | रत्नावली से उनका विवाह होना तथा उसकी बातों से प्रभावित हो कर तुलसीदास का गृह्त्याग करने
की कथा प्रसिद हैं, किन्तु इसका पर्याप्त प्रमाण नही मिलता | गृहस्त जीवन से विरक्त होने के बाद वे कशी,चित्रकुत अयोध्या आदि तीर्थों में भ्रम करते रहे | सन् 1574 में अयोध्या में उन्होंने रामचरितमानस की रचना प्राम्भ की, जिसका कुछ अंश बाद में उन्होंने कशी में लिखा | तत्पश्चात वे कशी में रहने लगे थे और यहीं उनका निधन हुआ |



साहित्यिक विशेषता:- तुलसीदास लोकमंगल की साधना के कवि हैं | उन्हें समन्वय का कवि भी कहा जाता हैं | तुलसीदास का भावजगत धार्मिक, सामाजिक और संस्कृतिक दृष्टी  से बहुत व्यापक हैं | मानव  प्राकृति और जीवन-जगत संबंधी गहरी अंतदृष्टी और व्यापक जीवनानुभव के कारण ही वे रामचरितमानस में लोक जीवन के विभिन्न पक्षों का
उद्घाटन करने में सफल हो सके |

मानस में उनके ह्रदय की विशालता, भाव प्रसार की शक्ति तथा मर्मस्पर्शी स्थल की पहचान की क्षमता पूरे उत्कर्ष के साथ व्याक्त हुई
हैं | तुलसीदास को मानस के जिन प्रंसगो को अभिव्यक्त करने का अवसर नहीं मिला उनको
उन्होंने गीतावली, कवितावली में व्यक्त किआ हैं | विनय पत्रिका में विनय और आत्म-निवेदन के पद हैं | इस प्रकार तुलसी के काव्य में आत्मबोध और विश्वबोध का अदितीय समनव्य हुआ हैं |

तुलसीदास के रचनाओ में काव्यरूप, भाव, विचार, छंद-विवेचन और भाषा की विविधता मिलती है | रामचरितमानस को हिन्दी का सर्वश्रेस्ट महाकाव्य माना जाता हैं | इसकी रचना मुख्यता दोहा और चोपाई, छंद में हुई हैं | इसकी भाषा अवधि है |

प्रमुख रचनाए:- गीतावली, कृष्ण गीतावली तथा विनय पत्रिका पद्शैली की रचनाए हैं तो वहीँ दोहावली स्फुट दोहों का संकलन है | कवितावली कवित और सवैया छंद में में रचित एक उत्क्रिस्ट रचना है|

भाषा शैली:- अवधि और ब्रज दोनों ही भाषाओ पर तुलसी का साधारण अधिकार था | तुलसीकृत बारह कृतियाँ प्रमाणिक मानी जाती हैं |
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